भाई-बहन का प्यार भरा तिलक त्यौहार को भाई दूज के रूप में मनाते हैं। सनातन संस्कृति की पौराणिक कथनों के अनुसार, यमराज तथा यमुना से जुडी कथा है। Bhai Dooj 2022 हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल, 26 अक्टूबर की दोपहर से भाई का तिलक और पूजन किया जा सकता है। भाई दूज पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं समाग्री लिस्ट की विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दी गयी है।
Bhai Dooj Puja Vidhi in Hindi PDF
Name of PDF | Bhai Dooj Puja Vidhi |
Language | Hindi |
Tilak Puja | |
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यमुना स्नान करने का महत्व भाई दूज की पूजा विधि
बहुत सी बहने इस दिन पर यमुना स्नान करती हैं। जिसके बाद पूजा की जाती है यदि कोई बहन यमुना स्नान न कर सके, तो वह भाई दूज की पूजा
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर सूर्य को अर्घ्य दें।
- भाई के लिए बहनें कई तरह के पकवान बनाती हैं और तिलक के लिए थाल तैयार करती हैं।
- शुभ मुहूर्त में ही भाई की पूजा करनी चाहिए। भाई को एक चौकी पर बिठाएं और उसका तिलक करें और अक्षत लगाएं।
- टीका करते समय इस मंत्र का उच्चारण करें- ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।
भाई दूज कथा In Hindi PDF
भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।
यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।
यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।
भाईदूज पूजन सामग्री लिस्ट
पूजा के लिए, एक थाली में एक गोल थाली, छोटा दीया, रोली टीका, थोड़ा चावल, नारियल, बताशा, मिठाई और कुछ पान के पत्ते होने चाहिए। बहन सबसे पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाती है, उसकी सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है। बदले में भाई उसे उपहार, प्यार और गर्मजोशी से भर देता है। अलग-अलग घरों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जा सकता है और मंत्र अलग-अलग हो सकते हैं।