वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है। जिसमे व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात जो व्यक्ति उसकी प्रोप्रटी और व्यवसाय को प्राप्त करेगा उसका नाम लिखा होता है। वसीयत को तैयार करने वाले व्यक्ति द्वारा अपने जीवन में कभी भी निरस्त किया जा सकता है, इसमें परिवर्तन किया जा सकता है या इसे बदला जा सकता है। परन्तु व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात नहीं। वसीयत तैयार करना आज कल के समय में बहुत जरुरी है। वसीयत व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके द्वारा छोड़ी गई सम्पत्ति की एक इन्वेंटरी के रूप में कार्य करती है। नीचे हम आपको Rajasthan Vasiyat Nama Form का लिंक प्रदान कर रहे है, ताकि आप आसानी से आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सके।
राजस्थान वसीयतनामा फॉर्म PDF
आर्टिकल | Rajasthan Vasiyat Nama |
विभाग | Revenue department |
भाषा | Hindi |
लाभर्थी | State residents |
आधिकारिक वेबसाइट | Click Here |
फॉर्म पीडीएफ डाउनलोड | Cilck Here |
वसीयतनामा फॉर्मेट in Hindi
व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात वसीयत व्यक्ति के प्राकृतिक वारिसों में झगड़ा होने से बचाती है। तथा यह व्यक्ति द्वारा छोड़ी गयी सम्पति का बटवारा करने में सहायक होती है। वसीयत का महत्व तब बढ़ जाता है, जब वसीयत परिवार के सदस्यो के अलावा अन्य किसी और व्यक्ति के नाम पर हो। वसीयत को एक सादे कागज पर लिख कर तैयार किया जाता है, तथा साथ में उस व्यक्ति के हस्ताक्षर भी होते है, जो उसे तैयार करवा रहा है। तभी वह वैध मानी जाएगी या उसे कानूनी रूप से रजिस्ट्रड करवाना होगा। वसीयत रजिस्ट्रड करने के लिए व्यक्ति को गवाहों के साथ सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय जाना होगा।रजिस्ट्रड करवाने के बाद वसीयत एक शक्तिशाली कानूनी प्रमाण बन जाता है।
उत्तराधिकार और वसीयत के कानून PDF
वसीयत को भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 में सुरक्षित रखने का प्रावधान है। वसीयतकर्ता का नाम या उसके एजेंट का नाम लिखा हुआ वसीयत का सीलबंद लिफाफा सुरक्षा के लिए किसी भी रजिस्ट्रार के पास जमा करवाया जा सकता है,
व्यक्ति अपनी इच्छा से जितनी बार चाहे वसीयतें बदल सकता है, लेकिन उसकी मृत्यु से पहले तैयार की गई वसीयत क़ानूनी तौर पर मान्य होती है।